Getting My Shiv chaisa To Work
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हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के shiv chalisa lyricsl सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
तज्ञमज्ञान – Shiv chaisa पाथोधि – घटसंभवं, सर्वगं, सर्वसौभाग्यमूलं ।
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कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥